- युद्ध के दौरान बर्बाद हुई इमारत के सौंदर्यकरण पर कर रहा ही इजरायल काम
- लगभग 10000 कामगरों कि भेजने की चल रही है कवायद,जाने क्या होगी योग्यता
नेशन स्टेशन डेस्क
लखनऊ:- इजराइल आतंकी संगठन हमास से युद्ध के बाद इजराइल में बर्बाद हुई बिल्डिंगों के नवनिर्माण के लिए कामगरों कि किल्लत हो चुकी है। जिसे लेकर इजराइल सरकार ने भारत से कामगरों को लेकर बड़ी डील की है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश में भी एक कार्यालय खोला गया है। लगभग 10 हजार कामगरों को उत्तर प्रदेश से अलग-अलग तरह के कामों के लिए भेजने की कवायद शुरू की गई है। बताते चलें, कि काम किए जाने की एवज में सरकार के अनुसार दी जाने वाली इजरायली मुद्रा 6100 शेकेल जो भारतीय मुद्रा के अनुसार लगभग 1 लाख 37 हज़ार रूपए का वेतन दिया जाएगा। काम करने वाले इच्छुक श्रमिकों की आयु सीमा 21 वर्ष से अधिक व 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। जिनकी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कम से कम हाई स्कूल उत्तीर्ण व संबंधित क्षेत्र में 3 वर्ष के अनुभव के साथ मामूली तौर पर अंग्रेजी भाषा की समझ रखने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर इजरायल में काम करने के लिए संविदा के आधार पर भेजा जाएगा।जिसकी न्यूनतम अवधि एक वर्ष व अधिकतम अवधि 5 वर्ष की होगी। सरकार के अनुसार भारतीय कामगार यदि काम के दौरान ही अपने घर आना चाहेंगे, तो उन्हें अपने स्वयं के खर्चे पर भारत आने का अवसर रहेगा। एवं कामगारों के ठहरने के लिए सेवायोजक ही व्यवस्था का वहन करेंगे। जबकि खान-पान का खर्च खुद ही उठाना होगा।
अलग-अलग कामों के आधार पर निर्माण श्रमिकों की संख्या
इजराइल में काम पर भेजे जा रहे कामगारों में शटरिंग कारपेंटर की आवश्यकता 3000 है। वही आयरन विल्डिंग करने वाले श्रमिकों की संख्या 3000 है। सेरेमिक टाइल लगाने वाले श्रमिकों की संख्या 2000, प्लास्टरिंग वाले श्रमिकों की संख्या 2000 है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्यालय खोलकर भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन का कार्य शुरू कर दिया है। इजराइल के लिए निर्माण श्रमिकों को चुनने के लिए 23 जनवरी से परीक्षा शुरू हो जाएगी।
कैसे करें आवेदन
उत्तर प्रदेश से इजराइल जाने वाले श्रमिकों को वेबसाइट www.nsdcgovx.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।वही व्यावसायिक शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने बताया की प्रदेश भर के इच्छुक अभ्यर्थियों की परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज को परीक्षा का केंद्र बनाया गया है इजरायल के विशेषज्ञों की टीम जरूरत के अनुसार ही आकर निर्माण श्रमिकों का चयन करेगी,जिसके सपोर्ट करने के लिए आईटीआई के प्रशिक्षक भी उपस्थित रहेंगे।
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