- केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा अभी नहीं लागू होंगे नए नियम
- आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने चालकों से काम पर लौटने की करी अपील
नेशन स्टेशन न्यूज़
नई दिल्ली: दो दिनों की हड़ताल के बाद सरकार हरकत में आ गई है। दो दिनों के ट्रक व बसों के चक्का जाम के बाद अर्थव्यवस्था को जोर का झटका लगा है।ट्रक, बस व अन्य कई ड्राइवरों ने अपने- अपने वाहनों को ज्यों का त्यों खड़ा कर दिया था। इसके बाद से हर तरफ खाद्य सामग्रियों से लेकर प्रतिदिन उपयोग की जाने वाले वस्तुओं,यहां तक की सबसे मूलभूत आवश्यक जैसे डीजल पेट्रोल तक के लिए भी अफरा तफरी दिखने लगी थी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन के सदस्यों से 3 घंटे तक चली बातचीत के बाद सरकार की तरफ से हिट एंड रन केस के मामले में नए कानून को फिलहाल लागू नहीं करने पर सहमति बनी है। अगली बैठक कर इस मामले का हल निकालने की बात कही जा रही है। फिलहाल दैनिक उपयोग की सामग्रियों में बढ़ती मारामारी को देखते हुए ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन ने चालकों से अपने काम पर वापस लौटने को कहा है। सरकार ने कानून पर अपनी मोहर लगा रखी है। परंतु लगातार विरोध के बाद से सरकार एक बार फिर बैक फुट पर दिख रही है। अब देखना यह होगा कि इस बैठक के बाद सरकार चालकों के हित में किस प्रकार से फैसला लेती है।क्योंकि सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून आम मजदूरी करने वाले चालकों के लिए काफी हानिकारक साबित होते दिख रहे थे।बताते चलें कि यह मामला सिर्फ बस व ट्रक ड्राइवर तक ही सीमित नहीं था। इस कानून के अंतर्गत दो पहिया वाहनों से लेकर छोटी चार पहिया वाहन व परिवहन संभागीय कार्यालय में रजिस्टर्ड सभी वाहन कानून की जद में थे।
कई शहरों में पेट्रोल के लिए भी मचा हाहाकार
1 जनवरी से स्ट्राइक के बाद से कई शहरों में बड़े वाहनों के आवागमन पर मानों ब्रेक सी लग गई थी।इसके बाद से अनेक जगहों पर पेट्रोल डीजल जैसी मूलभूत दैनिक उपयोगी चीजों के भी मिलने पर समस्या उत्पन्न होने लगी थी। कहीं पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी कतारे देखी जा रही थी।पैसे देने के बावजूद भी सप्लाई न होने के कारण पेट्रोल व डीजल मिल पाना भी मुश्किल हो रहा था।
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