- साल में एक बार लगभग एक पखवाड़े के लिए आते हैं पितृ पक्ष
- इस दौरान पितरों को अर्पण किया जाता हैं, तर्पण
न्यूज़ डेस्क
लखनऊ:-हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष को काफी खास दिनों के रूप में जाना जाता है। क्योंकि इन दिनों में लोग अलग-अलग तरह की विधि विधान से पितरों का तर्पण व पिंडदान कर श्राद्ध कर्म को पूर्ण करते हैं। पुराणों के अनुसार मान्यता है, कि ऐसा करने से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। और पितर हमें आशीर्वाद देते हैं।
कहते है, जब परिवार या घर पर पितृ दोष होता है। तो परिवार में अनेक तरह की समस्याएं आने लगते हैं। मान्यता है, कि पितृपक्ष के नियमों का पालन करना चाहिए।
पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें
शास्त्रों के अनुसार बड़े अथवा एकदम छोटे पुत्र को ही श्राद्ध कर्म करने को शुभ माना जाता है। अगर कोई विशेष स्थिति बनती है। तो ही किसी भी पुत्र को श्राद्ध करने का अधिकार होगा। पितृपक्ष के दौरान शाम के समय सरसों के तेल अथवा गाय के घी के दीपक दक्षिण दिशा की ओर जलाने को शुभ माना जाता है ।इसी के साथ पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन पितृ गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पितरों को कैसे करें खुश, किस मंत्र का करें जप
मान्यता है कि यदि पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन आप ॐ सर्व पितृ देवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए किसी पेड़ के पास देशी घी का दीपक जलते हैं तो इससे घर में खुशहाली के साथ साथ पितृ प्रसन्न होते हैं, और आशीर्वाद देते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान किन बातों का रखें ध्यान
पितृ पक्ष में शराब, मांसाहार, पान, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तिल, लौकी, मूली, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसों का साग, आदि वर्जित माना गया है। श्राद्ध में कोई इन चीजों का सेवन करता है, या इन चीजों का उपयोग करता है। तो उससे पितर नाराज हो जाते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। जैसे विवाह, गृह प्रवेश, दुकान का मुहूर्त आदि किसी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। साथ ही इस समय में कोई नया सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।
Author: nationstation
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