अब पानी में भी भारत की ताकत बढ़ाने पर जोर, रक्षा मंत्रालय ने किया अनुबंध

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  • आई एन एस ब्यास के री पावरिंग व अपग्रेड के लिए रक्षा मंत्रालय ने कोचीन शिपयार्ड के साथ किया समझौता
  • 2026 तक करना होगा प्रोजेक्ट को पूरा, भारत की पानी में बढ़ेगी और अधिक ताक़त

ब्यूरो
नई दिल्ली:- रक्षा मंत्रालय ने 16 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में कोच्चि स्थित कोचिंग शिपयार्ड लिमिटेड के साथ आईएनएस व्यास के मिड लाइफ अपग्रेड और रिकवरिंग प्रोजेक्ट के लिए 313.42 करोड़ लागत के एक अनुबंध पत्र पर संयुक्त हस्ताक्षर किए। आईएनएस व्यास ब्रह्मपुत्र श्रेणी का पहला युद्ध पोत है।जो भाप से लेकर डीजल प्रणोदन तक पुनः संचालित होता है। फिलहाल इसके रिपावरिंग प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। आईएनएस व्यास के अपडेट होने के बाद इसको आधुनिक हथियार और उन्नत लड़ाकू क्षमता की ताकत भी मिल जाएगी।

रक्षा मंत्रालय व सीसीएल के बीच हस्ताक्षरित अनुबंध पत्र

जिसके बाद इसे भारतीय नौसेना के सक्रिय बेडे में शामिल कर लिया जाएगा। भारत की पहली रीपावरिंग परियोजना का रखरखाव भारतीय नौसेना(indian Navy) और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड(CCL) की मरम्मत क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है. इस परियोजना में 50 से अधिक एमएसएमई (msme) उद्योग भी शामिल होंगे। और इस प्रोजेक्ट के दौरान 3500 से अधिक कर्मचारियों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा। यह परियोजना भारत सरकार की मेक इन इंडिया(make in India) के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत एवं गौरवशाली इतिहास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

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