- प्राईवेट संरचना के विस्तार को ब्रेक लगाने पर हुई चर्चा
- बैठक में प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री रहे मौजूद, मुख्यालय पर आन्दोलन की भी दी चेतावनी
न्यूज़ डेस्क
कानपुर:- परिवहन कर्मचारी संगठन ने कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला में परिवहन विकास गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें मुख्य रूप से पी०एस०बाजपेई प्रांतीय संयोजक,राज्य उपाध्यक्ष इंटक त्रिलोकी व्यास प्रदेश अध्यक्ष, जसवंत सिंह प्रदेश महामंत्री सहित सैकड़ो की संख्या में कानपुर क्षेत्र के कर्मचारी उपस्थित रहे। परिवहन निगम के इस विचार गोष्ठी में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई।
1-परिवहन निगम के ख़त्म होते अस्तित्व पर चर्चा हुई।
2– नियमित नियुक्तियां तत्काल की जाए, वर्ष 1989 से तकनीकी कर्मचारी एवं अन्य संवर्गो की भर्तियां नहीं हुई हैं।
3– नियमित कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते का एरियर सहित वेतन में तत्काल लगाया जाए।
4-डग्गामार संचालन पर 100 प्रतिशत रोक लगाया जाए।
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5-मृतक आश्रितों को तत्काल नियमित नियुक्तियां प्रदान की जाएं।
6– संविदा चालकों/परिचालकों एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी की जाए।
7-भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।
8-वर्ष 2016 के शासनादेश के अनुसार वर्ष 2001 तक के संविदा कर्मियों को नियमित किया जाएं ।
9-नई अनुबंधित बसों की योजना जिसमें प्राइवेट बस मालिक बस पर अपने चालक और परिचालक के साथ संचालन करेंगे, इस योजना को तत्काल रोका जाएं।
क्या कुछ कहां पदाधिकारियों ने
अनिल कुमार अग्निहोत्री प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ राम मनोहर लोहिया कार्यशाला कानपुर से संजय कुमार क्षेत्रीय अध्यक्ष, विवेक सिंह क्षेत्रीय मंत्री, सुभाष चंद्र शाखा अध्यक्ष कार्यशाला, संजय कुमार शाखा अध्यक्ष प्रशासनिक, विनय कुमार विश्वकर्मा सदस्य, लक्ष्मी नारायण सदस्य आदि ने सभा में डग्गेमार संचालन पर रोक एवं शासन और परिवहन निगम द्वारा घोषित नई अनुबंधित बसों की योजना, जिसमें प्राइवेट बस मालिक अपनी बस के साथ चालक परिचालक अपने लेकर बस का संचालन निगम के बस स्टेशनों से करेंगे। जो की एमबी एक्ट के भी विरुद्ध है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। अपने संबोधन में त्रिलोकी व्यास एवं जसवंत सिंह द्वारा घोषणा की गई की प्रबंध निदेशक परिवहन निगम को तत्काल एक नोटिस प्रेषित किया जाएगा। जिसका संज्ञान लेकर निगम प्रबंधन द्वारा अगर तत्काल रोक नहीं लगाई जाती है। तो दिनांक 16 अक्टूबर 2023 से निगम के समस्त बस स्टेशनों पर एवं कार्यशालाओं पर विचार कर धरना प्रदर्शन करने के लिए संगठन बाध्य होगा। इसी क्रम में परिवहन निगम मुख्यालय पर भी धरना प्रदर्शन या कार्य बहिष्कार करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी आंदोलन के कार्यवाही की तिथि की सूचना एक सप्ताह पूर्व ही अवगत करा दी जाएगी।