- दिवाली प्रोत्साहन के दौरान प्रधान प्रबन्धक (संचालन) ने प्रोत्साहन अवधि को बढ़ाने के लिए दिए थे निर्देश
- प्रोत्साहन कटौती के चलते कर्मचारियों में दिखी नाराज़गी, डिपो स्तर पर भेजी नोटिस
- आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं दिया गया अभी तक किसी तरह का कोई भी प्रोत्साहन
नेशन स्टेशन डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कर्मचारियों ने प्रोत्साहन कटौती को लेकर तब नोटिस दे दिया, जब शीर्ष प्रबन्ध तन्त्र द्वारा प्रोत्साहन अवधि के बढ़ाने के बावजूद भी प्रोत्साहन नहीं दिया गया। बताते चलें परिवहन निगम के प्रधान प्रबन्धक (संचालन) ने पूर्वनिर्धारित प्रोत्साहन अवधि के दौरान ही आदेश जारी कर प्रोत्साहन अवधि को बढ़ाने के लिए आदेश जारी किया गया था।
प्रधान प्रबन्धक (संचालन) द्वारा ज़ारी किया आदेश |
जिसका भुगतान भी प्रोरेटा के आधार पर किए जाने की बात कही गई थी,साथ ही इस दौरान परिवहन निगम की रीढ़ कहे जाने वाले चालक व परिचालकों व आउटसोर्स पर तैनात मैकेनिकों की छुट्टियों को रद्द कर दिया था।बावजूद इसके परिवहन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी परिवहन निगम के शीर्ष अधिकारियों को नजरंदाज करते हुए बढ़े हुए अवधि का प्रोत्साहन रोक काट दिया जिससे कर्मचारियों मै नाराज़गी का माहौल हो गया। जिसे लेकर यू पी रोड़वेज एम्पलॉइज यूनियन के पदाधिकारियों ने डिपो के अधिकारियों को नोटिस दे दिया।
संगठन के पदाधिकारियों द्वारा दी गई नोटिस |
हैदरगढ़ डिपो के शाखा अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय के अनुसार इसके पूर्व में भी कोरोनावायरस के दौरान शासकीय ड्यूटी पर जाने वाले चालकों परिचालकों को तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक डॉ राजशेखर ने 300 रूपए प्रतिदिन के आधार पर दिए जाने के आदेश जारी किए थे। बावजूद इसके अफसरों ने सिर्फ मई माह में की गई ड्यूटी का पैसा देकर पल्ला झाड़ लिया।जबकि विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने अक्टूबर माह तक शासकीय ड्यूटी पूरी की थी। इसी तरह इस बार भी कर्मचारियों के साथ विश्वासघात हुआ है। यदि इसी प्रकार शीर्ष प्रबंधन के आदेशों को यदि अधिकारी दरकिनार करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब कर्मचारियों को अपने ही अधिकारियों से विश्वास उठ जायेगा।
क्या कहते हैं अफ़सर
लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक से बात करने पर यह मालूम चला कि प्रधान प्रबन्धक (संचालन) का आदेश प्राप्त हुआ है, साथ ही इस पर भी शीघ्र कार्रवाई की भी बात कहीं।
1 thought on “यहां शीर्ष प्रबंधन के आदेश पर भी पानी फेर देते हैं अधिकारी, प्रोत्साहन के कटौती से कर्मचारियों में नाराज़गी”
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