- नीतीश कुमार ने एनडीए समर्थन के साथ पेश किया था। सरकार बनाने का दावा
- लोकसभा 2024 आम प्रचार के दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद होने की कही थी बात
नेशन स्टेशन न्यूज़
पटना:- बिहार में नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सुबह ही इस्तीफे के बाद शाम 5:00 बजे एनडीए समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार ने संविधान व लोकतंत्र का जिस प्रकार मजाक बनाया है। उसे साफ तौर पर देखा जा सकता है।कभी एनडीए समर्थन के साथ तो कभी राजद समर्थन के साथ सरकार बनाने की कुटिल राजनीति बिहार की 13 करोड़ जनता को नाकामयाब साबित करने में लगी हुई है। बिहार की जनता भी सोच रही होगी कि हमने किस संकल्प के साथ मताधिकार का उपयोग करके सरकार बनाया था। परंतु इसी संवैधानिक व्यवस्था को अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के पूर्ति के लिए नीतीश कुमार ने किस प्रकार राजनीतिक बाज़ी पलटी है। उसे साफ तौर पर समझा जा सकता है। बिहार में तेजस्वी यादव को भावनात्मक समर्थन प्राप्त हो रहा है। राजद इस मामले को लेकर जनता के बीच में जाने की बात कह रही है।परंतु राजनीतिक जानकार इसे नीतीश कुमार के सबसे खराब कदम के तौर पर देख रहे है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ भी अपना नाता तोड़ लिया है। कुछ समय पहले की ही बात करें, तो नीतीश सरकार ने एनडीए सरकार पर तंज करते हुए कहा था कि मरना पसंद होगा, परंतु बीजेपी के साथ सरकार बनाना बिल्कुल भी संभव नहीं होगा। वही एक तरफ अप्रैल 2023 में नेवादा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मंच से लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे सदा के लिए बंद करने की बात अमित शाह ने कही थी। इसके बाद वहां उपस्थित जनता को यह विश्वास दिलाया गया था, कि राजद अथवा जेडीयू भाजपा के साथ मिलकर कभी भी सरकार नहीं बनाएगी। परंतु इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था कहें या राजनीतिक रणनीतियां, क्योंकि जिस तरीके से एनडीए गठबंधन के साथ नीतीश कुमार ने सरकार बनाया है। उसे लोगों के वक्तव्य से समझा जा सकता है। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान नीतीश कुमार के महिलाओं पर आधारित एक बयान को लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर अनेक राजनीतिक हस्तियां नीतीश कुमार के विरोध में उतर आई थी। परंतु राजनीतिक बदलाव के चलते आज नीतीश कुमार को वहीं राजनीतिक पार्टियों व सत्ताधारी लोग सहर्ष अपना मुख्यमंत्री स्वीकार कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था। कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भाजपा सरकार कोई कमी नहीं छोड़ने वाली, परंतु जिस तरीके से एनडीए यू-टर्न लेकर नीतीश को आज पाक-साफ मानकर सरकार बना रही है। उसे देखकर लगता है भाजपा के नेता व राष्ट्रीय पार्टियां सिर्फ अपनी जीजिवसा को शांत करने में लगी हुई है। फिलहाल नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। परंतु राजनीतिक जानकार आने वाले लोकसभा चुनाव में सीटों के बड़े फेरबदल को भी लेकर अपने बयान दे रहे हैं। आने वाला समय किसके पक्ष में जाने वाला है,यह तो समय के साथ ही तय किया जा सकता है।
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