- इसी वर्ष स्टूडेंट वेलफेयर के पद पर हुए थे तैनात
- स्वास्थ का ध्यान रखो कहकर बेसुध हुए प्रोफ़ेसर, अस्पताल में किया गया मृत घोषित
गौरव श्रीवास्तव
कानपुर:-आईआईटी कानपुर में स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के पद पर तैनात समीर खांडेकर का दिल का दौरा पड़ जाने से मृत्यु हो गई प्रोफेसर समीर खांडेकर आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रहे थे। प्रोफेसर खांडेकर को हार्ट अटैक उस वक्त आया जब वह बेहतर स्वास्थ्य की जानकारी को लेकर मंच से भाषण दे रहे थे। कुछ देर बाद ही लोगों को समझ तक नहीं आया कि, उनके साथ क्या हो रहा है। आनंद-फानन में उन्हें कार्डियोलॉजी अस्पताल ले जाया गया।जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।आईआईटी कानपुर के ऑडिटोरियम में एल्युमिनेट कार्यक्रम को प्रोफेसर खांडेकर संबोधित कर रहे थे। उनके लिए अच्छी सेहत को लेकर बोलने के लिए विषय चयनित किया गया था ।और उनकी आखिरी शब्द यही थे, कि “अपनी सेहत का ध्यान रखो” और यह कहने के साथ ही उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ, जिसके बाद वह उसी स्थान पर बैठ गए। वहां पर उपस्थित स्टूडेंट्स को लगा कि प्रोफेसर बोलते-बोलते अत्यंत भावुक हो गए हैं। परंतु यह समझते भी देर ना लगी कि, प्रोफेसर खांडेकर को दिल का दौरा पड़ गया है। चेहरा पसीना से लथपथ हो गया, और प्रोफेसर साहब वही बदहवास होकर गिर पड़े। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया,तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
क्या हुईं पूरी समस्या आइए जानते हैं।
बीते दिनों आईआईटी कानपुर में आयोजित की गई एल्युमिनेट मीट को संबोधित करते हुए प्रोफेसर व वैज्ञानिक डॉक्टर समीर खांडेकर सेहत को लेकर अपना संबोधन दे रहे थे। संबोधन के साथ ही प्रोफेसर साहब नीचे बैठ गए। जिससे वहां पर उपस्थित छात्रों को यह लगा कि, प्रोफेसर साहब भावुक हो गए हैं। लेकिन देखते ही देखते प्रोफेसर खांडेकर बेसुध होकर गिर पड़े। इसके बाद आनन-फानन में उन्हें कानपुर के कार्डियोलॉजी अस्पताल पहुंचाया गया। वहां पहुंचने तक काफी देर हो चुकी थी।और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, बताया जा रहा था कि, प्रोफेसर को साल 2019 में कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी उत्पन्न हुई थी। इसके बाद से वह लगातार चिकित्सीय परामर्श ले रहे थे।
कहां के थे प्रोफेसर खांडेकर, परिवार में कौन कौन है।
प्रोफ़ेसर खांडेकर का बेटा अभी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। जिसका नाम प्रवाह खांडेकर है।अभी प्रोफेसर खांडेकर का शव संस्थान के ही हेल्थ सेंटर में रखा गया है उनके बेटे के घर पहुंचते ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि प्रोफेसर खांडेकर को इसी वर्ष स्टूडेंट वेलफेयर के डीन पद पर जिम्मेदारी दी गई थी। उनका जन्म जबलपुर में हुआ था,और उन्होंने साल 2000 में आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई की थी, बाद में 2004 में जर्मनी से पीएचडी भी पूरा कर लिया था। इसके बाद 2004 में ही आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर फिर प्रोफेसर फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभाग अध्यक्ष और इसी साल उनको स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के पद पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।