रिपोर्ट:- वी. के. श्रीवास्तव
प्रतापगढ़। मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन ने मदरसों को तत्काल बंद करने का गैर कानूनी नोटिस भेज दिया। इससे कांग्रेसियों में नाराजगी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित प्रशासनिक अधिकारी एडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाए जाने की मांग की।
अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष दानिश माबूद ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि मुजफ्फरनगर के शिक्षा विभाग द्वारा नियम क़ानूनो को ताक पर रखकर मदरसों को विधि विरुद्ध नोटिस भेजा गया है। तत्काल बंद न करने पर प्रतिदिन 10000 का जुर्माना लगाए जाने की बात कही गई है। जबकि सन 1995 में मदरसों को स्कूलों के नियमों और विनियमों से अलग कर दिया गया था। मदरसे आम स्कूलों की तरह नहीं हैं, इनका संचालन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत होता है। स्कूलों की तरह जुर्माना प्रक्रिया मदरसों पर लागू नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 25000 मदरसे हैं जिनमें 16500 से अधिक मदरसे यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त है। हम कांग्रेसजन सरकार से मांग करते हैं की मानक के अनुसार बचे हुए मदरसों को मान्यता दिया जाए। इस दौरान मोहम्मद आफाक, शाहिद अली, सुहैल अंसारी, मोहम्मद इश्तियाक संजय, वेदांत तिवारी, फरीद अहमद, अजमत हुसैन, यमुना प्रसाद, इरफान खान, डॉ बशीर अहमद, मोहम्मद आरिफ और करुणा शंकर आदि लोग मौजूद रहे।