सरकारी खाते से निकाल लिए 3.25 करोड़, जिम्मेदारों को भनक तक नहीं,जाने क्या है पूरा मामला

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  • दो फर्मों के खाते में तीन बार में भेजी गई धनराशि
  • साइबर ठगी का शिकार हुए रायबरेली नगर पालिका परिषद, लचर व्यवस्था बयां कर रहीं जिम्मेदारों की बेपरवाही

ग़ौरव श्रीवास्तव

रायबरेली:- सोशल मीडिया का दौर जिस तरीक़े से दिन-ब-दिन आगे बढ़ रहा है। वैसे-वैसे अपराधी अब सरकारी तंत्र पर भी प्रहार करने से नहीं चूक रहें हैं। आलम यह है, कि अपराधियों ने रायबरेली नगर पालिका परिषद के खाते से दो फर्मो के खातों में 3 करोड 25 लाख से अधिक ट्रांसफर कर लिए, और जिम्मेदारों को राशि हस्तांतरण की खबर तक नहीं हुई। बताते चलें कि अपराधियों ने इस रकम को तीन बार में अलग-अलग फर्मों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया। जानकारी होने पर नगर पालिका परिषद रायबरेली की अधिशासी अधिकारी ने कोतवाली रायबरेली में साइबर फ्रॉड के तहत अपनी प्राथमिकी की दर्ज कराई है
अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने पुलिस को दिए तहरीर में कहा कि,नगर पालिका परिषद के खाते से 25 अक्टूबर 2023 को 3 करोड़ 25 लाख 22 हज़ार 713 रुपया दूसरे फ़र्म के खातों पर भेज दिया गया। इन सभी राशि हस्तांतरण को दो अलग-अलग फ़र्म के खातों का उपयोग करके किया गया।बताते चलें कि उनका कहना था कि,प्रथम दृष्टव्य यह गड़बड़ी आइसीआइसीआइ बैंक की मुख्य शाखा से किया गया। कोतवाल संजय त्यागी ने बताया की केस दर्ज कर लिया गया है ।और इसकी जांच साइबर अपराध के नियमों के अंतर्गत की जा रही है। वहीं इस खबर को सुनकर पूरे जिले में हड़कंप मच गया

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर ने कहा की नगर पालिका के खाते से 3.25करोड रुपए निकाल लिया जाना बेहद गंभीर मामला है इस मामले के संबंध में पुलिस को तहरीर दी जा चुकी है।

बताते चलें जब नगर पालिका परिषद के अधिकारियों ने बैंक खाते से रुपयों के ट्रांसफर किए जाने की जानकारी निकालना शुरू किया,तो पता चला कि संबंधित धनराशि तीन बार में फ़र्म अनेकता में एकता क्रांति मंच के खाते में 9865987 रुपए व दोबारा 9956895 और न्यू रॉयल इंटरप्राइजेज के खाते में 12068975 करोड़ रुपए भेजे गए थे।खास बात यह है कि,नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ ने ऐसे किसी भुगतान को नहीं किया था ।उसके बावजूद रकम का स्थानांतरण हो गया फिलहाल विभागीय जांच के साथ अन्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है ।

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जिसमें नगर पालिका परिषद रायबरेली के लेखाकार दिनेश बहादुर सिंह को नगर पालिका परिषद के अनेक सभासदों ने बैठक कर सर्व सम्मति से लेखाकार को हटाए जाने का प्रस्ताव पास कर दिया ।संबंधित लेखाकार पर पहले भी अनेक कर्मचारी पैसे के ग़बन का आरोप लगा चुके है ।अब 3.25करोड रुपए खाते से निकल जाने के बाद प्रमुख लेखाकार की भूमिका और अधिक संदिग्ध हो गई है क्योंकि अनेक फ़र्मों के पेमेंट भुगतान के लिए नगर पालिका अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर लेखाकार गिरीश बहादुर सिंह के पास ही रहते हैं। इसके साथ ही पीएमएस पोर्टल का कार्य लेखाविभाग के लिपिक अमित श्रीवास्तव द्वारा किया जाता रहा है।फिलहाल सभी संदिग्धों से पुलिस पूछताछ की भूमिका बना रही है

नेशन स्टेशन से नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने बातचीत करते हुए बताया की फिलहाल अन्य फ़र्म को ट्रांसफर होने वाली धनराशि के संबंध में कोतवाली रायबरेली में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है। इस तरह की बड़ी गड़बड़ी कैसे हुई, इसके लिए विभागीय जांच भी की जा रही है जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
स्वर्ण सिंह अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, रायबरेली

फिलहाल जिन साइबर अपराधियों द्वारा अलग-अलग फ़र्मों में धनराशि ट्रांसफर की गई थी वह बैंक सीतापुर की बैंक आफ इंडिया व लखनऊ की आईसीआईसीआई बैंक में किए थे इनमें से ज्यादातर धनराशि सीतापुर के स्टेशन रोड नई बस्ती स्थित बैंक आफ इंडिया में एक करोड़ 98 लाख रुपयेसे अधिक हस्तांतरित की गई थी।वहीं लखनऊ के आइसीआइसीआइ बैंक में एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा पैसों का हस्तांतरण किया गया था फिलहाल लखनऊ की बैंक से दो बार में 15 लाख रुपए की निकासी हो चुकी है बची हुई समस्त धनराशि दोनों बैंकों में ही सुरक्षित है फिलहाल खातों के लेनदेन पर रोक लगा दी गई है

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