नेशन स्टेशन डेस्क
लखनऊ-: पूरे देश में शारदीय नवरात्रि को देवी माँ के भक्तों में धूम मच जाती है।लोगों को नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत को पूर्ण करने का इंतजार रहता है।नवरात्र संपूर्ण होने पर दसवें दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है।आइये पहले जानते है,कब से शुरू होंगे नवरात्र
कब से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इस बार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से यानी 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद से ही मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिन तक पूजा अर्चना पूर्ण करते हैं और व्रत करते हैं। जो पूरे नवरात्र व्रत नहीं कर पाते है। वो नवरात्रि की प्रतिपदा और अष्टमी तिथि का व्रत रखते हैं। नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि का महत्व और कलश स्थापना का मुहूर्त…
इस बार शारदीय नवरात्र 15 अक्तूबर 2023 से शुरू होकर 23 अक्तूबर 2023 से समाप्त हो रहे हैं। इसी के साथ दसवें दिन यानी 24 अक्तूबर 2023 को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।
वैसे प्रतिपदा तिथि 14 अक्तूबर 2023 रात्रि 11:24 से ही शुरू हो जाएगा। परंतु वैदिक धर्मों के अनुसार उदय तिथि से ही नवरात्र माना जाएगा।
कलश स्थापना का मुहूर्त
नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि से ही होता है। ऐसे में प्रतिपदा तिथि अक्तूबर 15 को 12:32 दोपहर तक ही है। तथा कलश स्थापना का शुभ समय 15 अक्तूबर को 11:44 से शुरू होकर दोपहर 12:30 बजे यानी कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 46 मिनट ही है।
माता के स्वरूपों की पूजा व तिथि
नवरात्रि में इस दिन करें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा – 15 अक्टूबर 2023
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 16 अक्टूबर 2023
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा – 17 अक्टूबर 2023
चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा – 18 अक्टूबर 2023
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा – 19 अक्टूबर 2023
छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा – 20 अक्टूबर 2023
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा – 21 अक्टूबर 2023
आठवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा – 22 अक्टूबर 2023
नौवें दिन मां महागौरी की पूजा – 23 अक्टूबर 2023
विजयदशमी पर्व – 24 अक्टूबर 2023
साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि
पहला नवरात्र चैत्र में मनाया जाता है। तथा दूसरी नवरात्रि शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी मनाए जाते है। गुप्त नवरात्रि गृहस्थ जीवन में कदम रख चुके लोगो के लिए नहीं होती है। इसमें साधु संत पूजा, तप आदि कर सिद्धियों को प्राप्त करते है। नवरात्रि पर्व सामान्यतः जलवायु परिवर्तन का भी मुख्य कारण है। गर्मी के शुरुआती दिनों में चैत्र नवरात्र व शरद ऋतु से पहले शारदीय नवरात्र मनाया जाता है।
Author: nationstation
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