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- वीडियो में अन्य क्षेत्र की वाहनों को गाली देकर भगाते दिख रहे हैं गोरखपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक
- अपने ही जूनियर स्टॉफ को आम जन मानस के सामने जलील करने में पूरी तरह ताकत झोंकते है आर एम महोदय
विनय प्रताप सिंह
गोरखपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक पी.के. तिवारी |
गोरखपुर:– परिवहन निगम के अफ़सर ही परिवहन निगम का पलीता लगाने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। आलम यह है, कि बाहरी क्षेत्रों से पहुंचने वाले चालकों व परिचालकों को भद्दी भाषा का प्रयोग कर बस स्टेशन के अंदर या भागने पर मजबूर कर दिया जाता हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री जी सुशासन के साथ प्रदेश में एकरूपता व संवैधानिक व्यवस्था को लाने में लगे हुए हैं।लेकिन निगम प्रबंधन की सरपरस्ती में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं। जिनके सामने कानून, मानवाधिकार व किसी भी जूनियर स्टॉफ का स्वाभिमान भी जूते की नोंक पर रहता हैं। वीडियो देखकर साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है। कि जिस तरह खुलेआम क्षेत्रीय प्रबंधक पी के तिवारी अपने ही अधीनस्थ कर्मचारियों को गालियां दे रहे हैं। उससे साफ़ है कि उन्हें किसी भी उच्च प्रबन्धन या शासन प्रशासन का भय नहीं हैं। अब देखना यह महत्वपूर्ण होगा, कि उच्च निगम प्रबन्धन इस अमर्यादित व्यवहार पर क्या एक्शन लेता है।
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पहले भी डंडा के साथ रह चुके हैं लाइमलाइट में
इसके पहले भी गोरखपुर क्षेत्रीय प्रबंधक पी. के. तिवारी अपने बुरे बर्ताव के कारण काफ़ी चर्चा का विषय रह चुके हैं। अपने क्षेत्र की अधिक आय की चाहत में दूसरे सुदूर क्षेत्रों से आने वाली सेवाओं को भगाना व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग बहुत आम बात रही है। लेकिन उच्च प्रबन्धन की लीपापोती के चलते अभी तक किसी भी कार्यवाहीं से बचते रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि निगम प्रबंधन द्वारा आरएम पर कोई ठोस कार्यवाही को जाती हैं या नहीं?
क्या कहते हैं जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की अपर प्रबन्ध निदेशक महोदया अन्नपूर्णा गर्ग से जब मामले के बाबत हमारे संवाददाता ने बात की, तो उन्होंने बताया। इस तरह की घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण हैं। प्रकरण पर जांच अधिकारी नामित कर कार्यवाहीं की जायेगी।
आपके माध्यम से घटना संज्ञान में आईं हैं। सरकार की छवि सुशासन व स्वच्छ वातावरण की है। अधीनस्थ कर्मचारियों से इस तरह का व्यवहार निंदा का विषय है। घटना का जांच कराकर कार्यवाहीं की जाएगी।
दयाशंकर सिंह परिवहन मंत्री “स्वतंत्र प्रभार”