- यात्रियों को लखनऊ से अन्य जिलों के जाने में करना पड़ सकता हैं मुसीबतों को सामना
- सुबह 4 बजे से बंद होगा डिपो के साथ रीजन : शाखाध्यक्ष
न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। परिवहन निगम की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। किराए बढ़ने के बाद से महज 24 घंटे भी नहीं बीते, और निगम प्रबंधन व डिपो के संगठन स्तर की वार्ता विफल होने के साथ तकरार बढ़ गई। पूरा मामला लखनऊ क्षेत्र के हैदरगढ़/उपनगरीय डिपो का है, जहां पर यूपी. रोडवेज एम्पलॉइज यूनियन के शाखा अध्यक्ष व शाखा मंत्री द्वारा डिपो में उत्पन्न हो रही समस्याओं को लेकर नोटिस भेजा था।
जिसके बाद उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा वार्ता का समय निर्धारित कर प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया था। परंतु ए.आर.एम. स्तर से पूर्ण हुई कार्यवाहीं व सिर्फ़ आश्वासन का प्रसाद पाकर असंतुष्ट संगठन के पदाधिकारियों ने वार्ता रद्द करते हुए कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया, कि पहले जिस प्रकार से वाहन चार दिन के आवंटन के आधार पर चलती थी उससे आय अत्यधिक प्राप्त हो जाती थी। परन्तु जब से ड्यूटी साफ्टवेयर के माध्यम से एक दिन की ड्यूटी लगना शुरू हुई है, उसके कारण आय अत्यधिक प्रभावित हुईं हैं। बावजूद इसके डिपो के आलाअधिकारियों द्वारा 65% आय लाने का दबाव बनाया जाता हैं।
आलाधिकारियों के अनाधिकृत दबाव से कर्मचारी स्वयं को शोषित महसूस कर रहा हैं। इसी के साथ उन्होंने बताया कि कोविड 19 के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर चालकों व परिचालकों ने बसों का संचालन किया था। जिसके एवज में तत्कालीन प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने कोरोना काल में संचालन के दौरान 300 रू. प्रति कार्मिक देने का आदेश जारी किया था।
जिसका पैसा आज सालों बीतने के बाद भी नहीं दिया गया है। कर्मचारियों के अतिकाल भत्ते 2019 से लंबित पड़े हुए है। जिसके संबंध में कई बार वार्ता भी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा की गई हैं। बावजूद इसके अभी भी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा पत्र लिखे जाने के लिए कहने पर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है।
Covid 19 के दौरान 300 रू. अतिरिक्त देने के लिए जारी किया गया आदेश |